१. तेरी याद में जलने से बेहतर था की भूल जाते
पर दिल रौशनी का सवाली था सो जल गये ।।
२. तेरी यादें भी हैं अौर तन्हाई भी
अब रोने में और भी मजा आता है ।।
३. दूर होते जो नज़रों से तो कुछ आैर बात होती
तू जो सामने है तो फिर कैसे भूल जाऊँ ।।
४. जान मुँह को आ जाए मत छेेड़ इतना
ज्यादा हद से चाहना भी अच्छा नहीं होता ।।
५. वो गोलियाँ भूले, शहर भूले, गुलिस्तां भूले
पर याद ज़हन में सिर्फ तेरा चेहरा रह गया है ।।
६. यूँ सरे-शाम तन्हा ना कर ऐ हमसफर
गुजरने के लिए तो अभी सारी रात बाकी है।।
७. तुझे पलट के आना पड़ेगा ऐ चारागर
जख्मों को यहां कौन भरने देगा ।।
८. अबके बिछड़े तो वो रोएंगे
कबल में हमने आँसू बहाए बहुत थे ।।
९. इश्क, मोहब्बत, प्यार, वफा
और क्या हम तुझसे फरियाद करे ।।
१०. इस उम्मीद में "आशिक़" तुझसे प्यार करते रहे
कभी तो दिल बदलेगा कभी तो मुझसे प्यार करोगे
११. हर बात पर देते हैं लोग मिसाल हमारी
बेमिसाल कहता था मुझे मेरा चाहने वाला ।।
१२. कू ब कू तेरे नाम के तराने गूँज रहे हैं
बस एक मेरा दिल है जो उदास बैठा है ।।
१३. अबके आना तो जरा जल्दी आना
कि इंतजार की रूत बड़ा दुख देती है ।।
सवाली- मांगनेवाला
सरे-शाम- शाम की शुरुआत
चारागर- तीमारदार ( यहाँ पर मतलब है महबूब से)
कबल- past
कू ब कू- चारों तरफ/कोना कोना/हर तरफ
आशिक़- तख़ल्लुस (शायर का वो नाम जो वो अपने शायरी मे लिखता है मै ये लिखता हूँ ।)