हमें दौड़ना ही था उम्र भर एक ग़ज़ाल के पीछे
तेरी कब़ा में तो कुछ सितारे भी थे
किस बिना पर अपने हक़ के लिए हुज़्ज़त करते
एक बाजी तो हम उससे हारे भी थे ll
ग़ज़ाल- mirage
कब़ा- झोली
हमें दौड़ना ही था उम्र भर एक ग़ज़ाल के पीछे
तेरी कब़ा में तो कुछ सितारे भी थे
किस बिना पर अपने हक़ के लिए हुज़्ज़त करते
एक बाजी तो हम उससे हारे भी थे ll
ग़ज़ाल- mirage
कब़ा- झोली
कई राज जो दफ्न हैं इस दिल में
निकल आते हैं कभी कभी आँसू बनकर
सँजोए थे कुछ ख्वाब जो हमने आँखों में
सताते हैं वही मुझे, मेरी आरजू बनकर
मुझे देखकर लोग क्यूँ न तेरा नाम लें
तेरा हर रंग है मुझमें, मेरी खू बनकर
तेरी तलाश में अौर नही भटका जाता
चले आअो तुम मेरी जुस्तजूँ बनकर
खू- आदत
जुस्तजूँ- खोज
दिल ने सीख लिया हर बात पे मचलना
आरजूएं थका देती हैं कहां तक है चलना
उलफत-ए-हयात की ये कशमकश कैसी
जीना अच्छा लागे है न मरना
हयात- जिन्दगी
तेरे एहसास से खाली न कोई दिन गुजारा है
न तेरे ख्वाब से खाली कोई निन्द गुजारा है
तू सह न सका हमसे एक पल की जुदाई
तेरी हिज्र मे हमने कई ईद गुजारा है
हिज्र- जुदाई
रोये बहुत हम तो पर जी कुछ हल्का न हुआ
मेरे मर्ज का अब तक कुछ दवा न हुआ
आईए हमारे बेबसी का तमाशा देख लीजिए
क्या कहिएगा कि कुछ मजा न हुआ
उम्र भर जो अपने पारशाई का दावा किए
उन्हीं से सरजद अब तक कुछ वफा न हुआ
अब इंसाफ की किसे उम्मीद है इस वतन मे
वतन के गद्दारों को जब कुछ सजा न हुआ
चाहोगे उसे इतना तो बदल जाओगे
दुनिया की नज़र में पागल कहलाओगे
क्यूं करते हो ज़िद बच्चों सा
चांद पर क्या तुम पैदल जाओगे
चलो समझा लो दिल को क्यूं रोते हो
करोगे कोशिश तो सम्भल जाओगे
मत चाहो उसे कि वो शम्स-सिफ़त है
जाओगे नजदीक उसके तो पिघल जाओगे
मेरे मनाने से "आशिक" मानता हीं नही
क्यूं समझाने अब तुम "सजल" जाओग
(सजल)