चाहोगे उसे इतना तो बदल जाओगे
दुनिया की नज़र में पागल कहलाओगे
क्यूं करते हो ज़िद बच्चों सा
चांद पर क्या तुम पैदल जाओगे
चलो समझा लो दिल को क्यूं रोते हो
करोगे कोशिश तो सम्भल जाओगे
मत चाहो उसे कि वो शम्स-सिफ़त है
जाओगे नजदीक उसके तो पिघल जाओगे
मेरे मनाने से "आशिक" मानता हीं नही
क्यूं समझाने अब तुम "सजल" जाओग
(सजल)
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