Wednesday 8 April 2015

पागल

चाहोगे उसे इतना तो     बदल जाओगे
दुनिया की नज़र में पागल कहलाओगे

क्यूं   करते   हो   ज़िद       बच्चों    सा
चांद  पर  क्या  तुम      पैदल  जाओगे

चलो समझा लो दिल को    क्यूं रोते हो
करोगे  कोशिश  तो    सम्भल  जाओगे

मत चाहो उसे कि    वो शम्स-सिफ़त है
जाओगे नजदीक उसके तो पिघल जाओगे

मेरे मनाने से "आशिक" मानता हीं नही
क्यूं समझाने अब तुम  "सजल" जाओग

(सजल)

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