रोये बहुत हम तो पर जी कुछ हल्का न हुआ
मेरे मर्ज का अब तक कुछ दवा न हुआ
आईए हमारे बेबसी का तमाशा देख लीजिए
क्या कहिएगा कि कुछ मजा न हुआ
उम्र भर जो अपने पारशाई का दावा किए
उन्हीं से सरजद अब तक कुछ वफा न हुआ
अब इंसाफ की किसे उम्मीद है इस वतन मे
वतन के गद्दारों को जब कुछ सजा न हुआ
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