Tuesday, 28 March 2017

निशाना


जाने कौन मेरे निशानों में था
हाथ किसका मेरे कांधों में था। 

तीर छूटा तो ये सदा आई
मेरा मुखालीफ मेरे यारों में था॥ 

Monday, 20 February 2017

क्या देखते हो

आओ  आजमाओ  हमें  हमारा इम्तहान लो 
मार ही डालो हमें या दिल की बात जान लो। 

जो दूर से देखते  हो क्या  समझ में आऊंगा 
आँखों में ऑंखें डालो नजदीक से पहचान लो। 

क्या ये गैरों से पूछते रहते हो हाल हमारा 
हमारी गली आओ हमारे दिल में मकान लो। 

ये दिल  का मुआमला है  दिल  को सुलझाने दो 
गर मुश्किल आये अपने दीवाने का एहसान लो॥